Tuesday, 22 December 2020

 बहुत दूर से चल कर आना और उस पे तेरा मुझे गज़ब कहना...वल्लाह,गज़ब से भी गज़ब.. तेरा खुल के 


मुस्कुरा देना...यह बंद होंठ कभी कभी ही तो मुस्कुराते है..वरना हंसना तो दूर यह तो हर वक़्त शिकन 


माथे पे लिए,खुद मे खामोश रहते है...कभी देखिए ना जरा इन फूलों को,जो खुले आसमां के तले भी 


खिलते है..ओस की बून्द पड़े तो भी हंस देते है..सीखिए तो इन से यह भी,दो दिन की ज़िंदगानी है इन 


की मगर जब तक धरा पे ना गिरे,यह खिले रहते है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...