Sunday 27 December 2020

 दूर ना जा मुझ से..यह बोल कर हम ने हवा को अपने दुपट्टे से बांध लिया...रहना सदियों साथ मेरे,मेरी 


हर सांस को तेरी बहुत जरुरत है..जान है मेरी जब तक,तेरा साथ बहुत जरुरी है...घुल रही है तू मेरी 


साँसों मे ऐसे,जैसे इंदरधनुष से सीधा मिल के आ रही हो वैसे...सतरंगी है तू,शोख भी है तू...जो एक मोड़ 


पे ना ठहरे,ऐसा अजूबा है तू..देर बाद हवा ने कहा मुझ से ''हवा हू,हर जगह चलती हू मगर तेरी बात है 


कुछ अलग...खुशबू की सौगात लिए हर पल बस तुझी से लिपटी रहती हू''....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...