दोस्तों--ज़िन्दगी का लंबा सफर और आप..बहुत कुछ खोया..कुछ ऐसा जो दिल को छू गया..और बहुत कुछ ऐसा जो दिल को अंदर तक तोड़ गया...ग्रंथो मे लिखा है की अपने कर्म करो और फल ईश्वर पर छोड़ दो..आप ने किसी के लिए अच्छा किया यह आप का कर्म..दूसरे ने अपनी ही सोच से उस को गलत माना यह उस का कर्म...कोई बार बार अपमान करे तो अपना रास्ता ही बदल लो..अपने बारे मे किसी को कोई सफाई पेश मत करो..क्यों की कोई भी इस दुनिया मे पाक साफ नहीं है..लोग सिर्फ वही देख पते है जो उन को दिखाया जाता है..वही सुनते है जो उन को सुनाया जाता है...बस खुद को इन बेमानी बातो से आज़ाद करने की कोशिश करे..मुश्किल तो है पर नामुमकिन नहीं...सहारो की तलाश न करे ..जो मर्जी से साथ देना चाहे तो ठीक....दुसरो के दवाब मे आ कर अब कोई फैसला न करे..लोग खुद को बचाने के लिए कोई भी चाल खेल जाते है.और आप को मिलता है जीवन भर का तिरस्कार और गहरा अपमान....सिर्फ अपने ज़मीर की ही सुने..याद रखिये दुःख और सुख,अपमान और सम्मान..यह आप को अपने कर्मो के हिसाब से मिलता है...बस खुद को अंदर से मजबूत बनाये...शुभ प्रभात..शुभ कामनाये...
Saturday, 26 November 2016
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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सादगी पे हमारी कोई फिदा हो गया--आॅखो की गहराई पे हमारी,वो कहाानिया ही लिख गया--वजूद को हमारे जाने बिना,हमारे वजूद से वो जुडता ही गया--जिन...
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ना जुबाँ ही खुली,ना इशारा आँखों ने दिया..बात बनने के लिए साथ तेरी वफ़ा ने दिया....य़ू तो बिखरे है ज़ज्बात हज़ारो सीने मे मेरे,लिखते है लफ़्ज़ो...
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लाज शर्म के बंधनो से दूर,तेरी ही दुनिया मे कदम रखने चले आए है..पाँव की जंजीरो को तोड़,लोग क्या कहे गे-इस सोच से भी बहुत दूर,तुझ से मिलने च...