यह हवाओ की सरसराहट अक्सर किसी की याद दिला जाती है..सुबह का यह खामोश सा सन्नाटा कही
दूर कुछ याद दिला जाता है...आइना देख कर आज खुद पे प्यार आ गया...कुछ भूली हुई हसरतो का वो
ज़माना याद आ गया...बेबाक से वो मेरी हँसी,तेरी बाहो मे सिमटी मेरी खूबसूरत वो ज़िन्दगी...कौन
कहता है कि ख़ुशी अब पास नहीं मेरे,रूह को जो सकू दे..आँखों मे जो चमक दे..वो सब कुछ है आज भी
पास मेरे....
दूर कुछ याद दिला जाता है...आइना देख कर आज खुद पे प्यार आ गया...कुछ भूली हुई हसरतो का वो
ज़माना याद आ गया...बेबाक से वो मेरी हँसी,तेरी बाहो मे सिमटी मेरी खूबसूरत वो ज़िन्दगी...कौन
कहता है कि ख़ुशी अब पास नहीं मेरे,रूह को जो सकू दे..आँखों मे जो चमक दे..वो सब कुछ है आज भी
पास मेरे....