नूर तो हमारे चेहरे पे आज भी वही है..पर अॅदाज बदल गया है आप की गुफतगू का--
हजारो बाते पल पल करने वाले मेरे मेहरबाॅ..आप की खामोशी का यह अॅदाजे-बयाॅ कया
है--रूठे है तो मना ही ले गे..पर टुकडो मे बॅटना..बताईए यह राजे-वफा कया है--नवाबो
की जिॅदगी के मालिक है आप..पर इस नाचीज से दूर जाने की वजह कया है---
हजारो बाते पल पल करने वाले मेरे मेहरबाॅ..आप की खामोशी का यह अॅदाजे-बयाॅ कया
है--रूठे है तो मना ही ले गे..पर टुकडो मे बॅटना..बताईए यह राजे-वफा कया है--नवाबो
की जिॅदगी के मालिक है आप..पर इस नाचीज से दूर जाने की वजह कया है---