Tuesday 19 April 2016

तेरी बेरूखी...तौबा तौबा....चलने का नवाबी अॅदाज..मेरे खुदा तौबा तौबा....कभी पयार

की दुनिया मे कदम रख कर तो देखो..हुसन की नजाकत को परख कर तो देखो..लबो से

महकते अलफाज,जुलफो के इन घनेरे बादलो मे..ऐ हमनशीॅ..झाॅक कर तो देखो...कयू

आमदा हो अपनेे इशके-जजबात को बरबाद करने के लिए..गरूर से भरेे हो पर कयू...मेरे

जानम.....तौबा...तौबा...तौबा..तौबा.....  

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...