अॅॅधेरो से अब कयू डरे कि अॅधेरा ही तो है जीवन मेरा--तबाहियो से कयू बिखरे कि तबाह
तो कब से हो चुके--तेरी आगोश मे बहाने आॅसू अब नही आए गे फिर..कि उस आगोश
को मुददत पहलेे ही छोड चुके है हम--हर सहर लाती है सुबह नई..फिर तेरी बरबादी सेे
हुई यह जिॅदगी अब कयू ना जिए हम..कयू ना जिए हम--
तो कब से हो चुके--तेरी आगोश मे बहाने आॅसू अब नही आए गे फिर..कि उस आगोश
को मुददत पहलेे ही छोड चुके है हम--हर सहर लाती है सुबह नई..फिर तेरी बरबादी सेे
हुई यह जिॅदगी अब कयू ना जिए हम..कयू ना जिए हम--