Tuesday 12 April 2016

शामिल हो धडकनो मे मेरी पर जजबाते-खास नही हो...रहते हो रूह के करीब पर मेरी

जान नही हो..देते है दुआए तुम को लेकिन जाने-रूखसार नही हो..दुनिया सवाल उठाती

है हमारे रिशते पे पर सवालो के भॅवर मेे फॅसे,,तुुम कसूरवार नही हो..बस इक रिशता है

इबादत के वादो का...टुकडो मे बॅटे कही हम तो कही तुम .....नही हो....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...