लबो की कशिश मे छिपा है तेरी मुहबबत का ऱाज--जो खुल जाए गे लब,तो महक जाए
गा तेरा सॅसार--बेताबी से मेरे इकरार की घडिया गिनने वाले,इनही लबो से जुडी है वादो
की यह दुनिया--रूलाया है बहुत तूने मुझे नजदीक आने के लिए..तडपाया है बहुत पयार
अपना देने केे लिए...अब इॅतजार कर मेरा......इन लबो के खुलने के लिए---
गा तेरा सॅसार--बेताबी से मेरे इकरार की घडिया गिनने वाले,इनही लबो से जुडी है वादो
की यह दुनिया--रूलाया है बहुत तूने मुझे नजदीक आने के लिए..तडपाया है बहुत पयार
अपना देने केे लिए...अब इॅतजार कर मेरा......इन लबो के खुलने के लिए---