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Saturday, 30 April 2016
बादशाह हो जिॅदगी के मेरे..कहने के लिए कुछ भी ना हो,पर मेरी खामोश तमननाओ के
मालिक हो तुम...गुफतगू जब भी की हैै इन आॅखो से मैैने,हर इशारे को बखूबी समझा है
तुम ने...रेत पे इक महल बनाया था कभी मैने,तुम साथ चले तो वो ही आशियाना बना
मेेरा...टुकडे टुकडे हुई थी यह जिॅॅदगी जो कभी,तुम जो मिले गुलिसता हुई साॅसे यह मेरी
मालिक हो तुम...गुफतगू जब भी की हैै इन आॅखो से मैैने,हर इशारे को बखूबी समझा है
तुम ने...रेत पे इक महल बनाया था कभी मैने,तुम साथ चले तो वो ही आशियाना बना
मेेरा...टुकडे टुकडे हुई थी यह जिॅॅदगी जो कभी,तुम जो मिले गुलिसता हुई साॅसे यह मेरी
Friday, 29 April 2016
टूटते सितारो की दासताॅ जो सुनी..तो इक खयाल आया....कयूू ना इक टूटे सितारे से
तुमही को माॅग ले..हसरत जो कभी की थी तेेरी,कयू ना रातो की नीॅद उडा कर इनही से
गुजारिश कर ले...रह नही सकते जब तेरे बिना,तो यह पयार छुपाए कैसे...कयू रहे यू
तनहाॅ तनहाॅ,हारे है जब खुद से..तो कयू ना सितारो से अपना हमसफर माॅग ले...
तुमही को माॅग ले..हसरत जो कभी की थी तेेरी,कयू ना रातो की नीॅद उडा कर इनही से
गुजारिश कर ले...रह नही सकते जब तेरे बिना,तो यह पयार छुपाए कैसे...कयू रहे यू
तनहाॅ तनहाॅ,हारे है जब खुद से..तो कयू ना सितारो से अपना हमसफर माॅग ले...
Monday, 25 April 2016
Saturday, 23 April 2016
इक परछाई की तरह कयू साथ है मेेेरे..बरसो हुए तुझे रूखसत हुए,फिर भी खवाबो मे
कयू है साथ मेरे..उलझनो ने जब जब बेबस किया है मुझ को..बस अॅजान सा साया बन
कर कयू सॅभाला है मुझ को..खुद को जब भी तनहाॅ सोचा है हम ने..तेरी बाहो के घेरे नेे
मजबूती से थामा है मुझ को..तेरे कदमो की आहट ने,नीॅद की आगोश मे सुला दिया है
मुझ को....
कयू है साथ मेरे..उलझनो ने जब जब बेबस किया है मुझ को..बस अॅजान सा साया बन
कर कयू सॅभाला है मुझ को..खुद को जब भी तनहाॅ सोचा है हम ने..तेरी बाहो के घेरे नेे
मजबूती से थामा है मुझ को..तेरे कदमो की आहट ने,नीॅद की आगोश मे सुला दिया है
मुझ को....
Friday, 22 April 2016
Thursday, 21 April 2016
Wednesday, 20 April 2016
Tuesday, 19 April 2016
तेरी बेरूखी...तौबा तौबा....चलने का नवाबी अॅदाज..मेरे खुदा तौबा तौबा....कभी पयार
की दुनिया मे कदम रख कर तो देखो..हुसन की नजाकत को परख कर तो देखो..लबो से
महकते अलफाज,जुलफो के इन घनेरे बादलो मे..ऐ हमनशीॅ..झाॅक कर तो देखो...कयू
आमदा हो अपनेे इशके-जजबात को बरबाद करने के लिए..गरूर से भरेे हो पर कयू...मेरे
जानम.....तौबा...तौबा...तौबा..तौबा.....
की दुनिया मे कदम रख कर तो देखो..हुसन की नजाकत को परख कर तो देखो..लबो से
महकते अलफाज,जुलफो के इन घनेरे बादलो मे..ऐ हमनशीॅ..झाॅक कर तो देखो...कयू
आमदा हो अपनेे इशके-जजबात को बरबाद करने के लिए..गरूर से भरेे हो पर कयू...मेरे
जानम.....तौबा...तौबा...तौबा..तौबा.....
Monday, 18 April 2016
हौले से कही वो बात तेेरी..गूॅज गई कानो मे शहनाईयो की तरह...सिरहन सी जगा गई
अनकही अनसुनी गुफतगू की तरह..बॅद आॅखो मे सजाते है हजारो खवाब नए..तेरे साथ
जीने के मदहोशी रॅग लिए...बहुत दूर तक चलना है साथ तेरे..आसमाॅ की बुलनदियो को
छूना है मुुझे...सरताज है तू मेरा जीवन का..बहक रहा है यह मन किसी परिॅदे की तरह..
अनकही अनसुनी गुफतगू की तरह..बॅद आॅखो मे सजाते है हजारो खवाब नए..तेरे साथ
जीने के मदहोशी रॅग लिए...बहुत दूर तक चलना है साथ तेरे..आसमाॅ की बुलनदियो को
छूना है मुुझे...सरताज है तू मेरा जीवन का..बहक रहा है यह मन किसी परिॅदे की तरह..
Friday, 15 April 2016
रूह मेे बसे दिलदार मेरेे..तेरी मुहबबत की इॅतिहा है कहा तक.....सितारो की दुनिया से
परे..आसमाॅॅ की हद से परे...जालिम जमाने की नजऱो से परे......कशिश मेरे हुसन की
तुझे मेरी तनहाई मे खीॅच लाए गी..टूटो गे जब रातो को,दीवागनी की हदो को भी पार
कर जाए गी...अललाह मेरे,पाक मुहबबत की तडप ही दो दिलो को जोड जाए गी......
परे..आसमाॅॅ की हद से परे...जालिम जमाने की नजऱो से परे......कशिश मेरे हुसन की
तुझे मेरी तनहाई मे खीॅच लाए गी..टूटो गे जब रातो को,दीवागनी की हदो को भी पार
कर जाए गी...अललाह मेरे,पाक मुहबबत की तडप ही दो दिलो को जोड जाए गी......
दिल जो धडकता हैै आज भी तेेरे लिए----साॅसो के चलने मेे इजाजत भी लेता हैै...तो भी
तेरे लिए---खवाविश जो होती है तुझ से मिलने की..पुुकारता है यकीकन बस तेरे लिए--
इजहारे-पयार करने के लिए..ढूॅढता है तो बस तुझ को तेरे ही लिए---रातो को सोने के
लिए..बाहो मे छुप जाने केे लिए.....बुलाता है अकसर तेरे पयार को....बस अपने लिए---
तेरे लिए---खवाविश जो होती है तुझ से मिलने की..पुुकारता है यकीकन बस तेरे लिए--
इजहारे-पयार करने के लिए..ढूॅढता है तो बस तुझ को तेरे ही लिए---रातो को सोने के
लिए..बाहो मे छुप जाने केे लिए.....बुलाता है अकसर तेरे पयार को....बस अपने लिए---
Wednesday, 13 April 2016
Tuesday, 12 April 2016
दिल की धडकनो मे जिॅदगी को नाम देने वाले..कभी लौट कर आ के तो देखो--हजारो
बार टूट कर बिखरा है यह दिल..समभालने के लिए अपनी दुनिया से वापिस आ कर तो
देखो--सितारो को गिनते है तनहाॅ रातो मे..कभी हम को सुलाने के लिए बाहो के घेरे मे
बाॅध कर तो देखो--साॅसे रूकती है ना चलती है..आ जाओ अब इन को खुली हवा दे कर
तो देखो---
बार टूट कर बिखरा है यह दिल..समभालने के लिए अपनी दुनिया से वापिस आ कर तो
देखो--सितारो को गिनते है तनहाॅ रातो मे..कभी हम को सुलाने के लिए बाहो के घेरे मे
बाॅध कर तो देखो--साॅसे रूकती है ना चलती है..आ जाओ अब इन को खुली हवा दे कर
तो देखो---
Monday, 11 April 2016
Saturday, 9 April 2016
बेेखबर रहो गे कब तक...कब तक मेरे हुसन के जादू से--टूटो गे इक दिन मेरी आगोश
मे आने केे लिए--गरूर कितना भी कर लो अपने रूतबे-जजबात पे..फिर भी आओ गे
मुहबबत की सजा काटने मेरे ही दरबार मे--तनहाॅ हो तुम कितने..जानते है तुम को
कही जयादा तुम से--यू नजऱे ना चुराओ हम से कि आना ही पडे गा इक दिन मुझ से
नजरे मिलाने के लिए---
मे आने केे लिए--गरूर कितना भी कर लो अपने रूतबे-जजबात पे..फिर भी आओ गे
मुहबबत की सजा काटने मेरे ही दरबार मे--तनहाॅ हो तुम कितने..जानते है तुम को
कही जयादा तुम से--यू नजऱे ना चुराओ हम से कि आना ही पडे गा इक दिन मुझ से
नजरे मिलाने के लिए---
Friday, 8 April 2016
Thursday, 7 April 2016
कहने को तुम नही मेरे,पर दिल के अरमान हो..रातो को जागते है तेरे लिए,बेशक तुम
इस से बेखबर..बेपरवाहे-जान हो--सजते है जब,सॅवरते है हम..आईने मे खुद को नही..
बस तुझी को निहारते है हम--कलाईयो मे है चूडिया..पर खनकाने के लिए ढूॅढते है बस
तेरे ही हाथ--तुझे इक नजऱ देखने के लिए..कभी तेरे आगे तो कभी पीछे पीछे चलते है
हम----
इस से बेखबर..बेपरवाहे-जान हो--सजते है जब,सॅवरते है हम..आईने मे खुद को नही..
बस तुझी को निहारते है हम--कलाईयो मे है चूडिया..पर खनकाने के लिए ढूॅढते है बस
तेरे ही हाथ--तुझे इक नजऱ देखने के लिए..कभी तेरे आगे तो कभी पीछे पीछे चलते है
हम----
Wednesday, 6 April 2016
Tuesday, 5 April 2016
Monday, 4 April 2016
नाम तेरा लिख दिया इन मेॅहदी रचे हाथो पे--बिना जाने तेरी रजा बस लिख दिया ऱाजे
वफा--सजाया है तेरे नाम से दिल के आशियाने को..रजामॅदी तेरी जाने बगैर--काॅपते
लबो ने जब लिया तेरा ही नाम..सननाटा सा छा गया इशक केेे दरबार मे-- हुसन है हम
लाजवाब....रूतबा मिला इस नाम से--पर हम झुके तेरे पयार मे..रजा तेरी जाने बगैर--
वफा--सजाया है तेरे नाम से दिल के आशियाने को..रजामॅदी तेरी जाने बगैर--काॅपते
लबो ने जब लिया तेरा ही नाम..सननाटा सा छा गया इशक केेे दरबार मे-- हुसन है हम
लाजवाब....रूतबा मिला इस नाम से--पर हम झुके तेरे पयार मे..रजा तेरी जाने बगैर--
Sunday, 3 April 2016
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दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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ना जुबाँ ही खुली,ना इशारा आँखों ने दिया..बात बनने के लिए साथ तेरी वफ़ा ने दिया....य़ू तो बिखरे है ज़ज्बात हज़ारो सीने मे मेरे,लिखते है लफ़्ज़ो...
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