इन कागज़ के फूलो से अक्सर,महकती खुशबू क्यों महसूस होती है....बगीचे मे रखते है कदम,किसी
अनजानी ताकत को पास पाते है....कभी लगता है यह वहम हमारा होगा,भला इन बेजान फूलो ने
कभी खशबू बिखेरी है.....इस दुनिया मे जहा इंसान साथ नहीं देते,एक अनजानी ताकत क्यों साथ
होगी मेरे....बार बार जब किसी को महसूस करते है,फूलो से यही खुशबु खुद से लिपटी पाते है..यक़ीनन
खुदा के सज़दे मे शुक्रिया कहते जाते है.....
अनजानी ताकत को पास पाते है....कभी लगता है यह वहम हमारा होगा,भला इन बेजान फूलो ने
कभी खशबू बिखेरी है.....इस दुनिया मे जहा इंसान साथ नहीं देते,एक अनजानी ताकत क्यों साथ
होगी मेरे....बार बार जब किसी को महसूस करते है,फूलो से यही खुशबु खुद से लिपटी पाते है..यक़ीनन
खुदा के सज़दे मे शुक्रिया कहते जाते है.....