Thursday, 26 October 2017

तेरे एहसास बदल गए...हमें चाहने का वो अंदाज़ भी बदल गया...टूट के चाहते है तुझे,इस चाहत का

वज़ूद क्यों तेरे ज़ेहन से गुम हो गया....हसीं और भी है इस ज़माने मे हमारे सिवा,तेरे इश्क की दास्तां

नई राह पे मोड़ ले जाए गी....नई मुहब्बत और साथी भी नया,हसरतो की एक कहानी फिर शुरू हो जाए

गी....हम खड़े है उसी मोड़ पे,जहा छोड़ा था तुम ने हमे....एहसास बदले है तेरे,चाहत तेरी ने दम तोड़ा

है....तेरी इबादत का दिया जो जलाया है हम ने,साँस टूटे गी मगर मुहब्बत ना बदल पाए गी......

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...