Wednesday 25 October 2017

हमारे हुस्न  का जादू उन पे चढ़ गया...वो मिले हम से और हमारे सज़दे मे,न जाने क्यों उन का सर

झुक गया....भीगी पलके हमारी यह देख कर,ऐसा क्या किया हम ने जो सीधा उतरे उन के  दिल के 

मुकाम पे ....राहे मुहब्बत की कभी आसां होती नहीं,बहुत छोटी छोटी हसरते हमारी जो कभी किसी

के दिल को चोट देती नहीं...हाथ थामा उस फ़रिश्ते ने और कहा तुम नूर हो मेरी ज़िन्दगी का,ऐसा सादा

हुस्न कभी देखा नहीं..यक़ीनन तेरे इसी हुस्न का जादू हम पे बस हावी हो गया...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...