आ...तेरे इश्क मे डूब जाए,तेरी इन आँखों का सहारा लिए....मुद्दत हुई इस दिल को, तुझे आवारगी से
पुकारे हुए...ओह यह पलके है या बिछावन है मेरे दीदार का...कुछ तो बोल दीजिये हज़ूर कि दिन यह
कभी फिर ना आए गा,मुखातिब तो हो पर मेरी किस्मत का सितारा बुलंदी पे कब आए गा....दिल तो
शायद कभी खामोश हो जाए गा,पर धड़कने...वल्लाह.... फिर भी धड़कती रहे गी किसी और जिस्म का
सहारा लिए....
पुकारे हुए...ओह यह पलके है या बिछावन है मेरे दीदार का...कुछ तो बोल दीजिये हज़ूर कि दिन यह
कभी फिर ना आए गा,मुखातिब तो हो पर मेरी किस्मत का सितारा बुलंदी पे कब आए गा....दिल तो
शायद कभी खामोश हो जाए गा,पर धड़कने...वल्लाह.... फिर भी धड़कती रहे गी किसी और जिस्म का
सहारा लिए....