कह दिया ज़िन्दगी तुझ से,तेरी नियामतों के हम तो कायल हो गए....करते है शुक्रिया तुम को,कि लफ्ज़
अब और ज़ेहन मे ख़तम हो गए.....हर सुबह होती है जब,नई साँसों के आगाज़ से....खिल जाता है
तन-मन और इबादत मे जुड़ते है हाथ खुद-ब-खुद विश्वास से.....बहुत है दर्द-बहुत परेशानिया भी है
लेकिन दाद देते है तुझे फिर भी ज़िन्दगी,देती है कुछ ऐसा खूबसूरत कि कहना पड़ता है..तेरी नियामतों
के हम तो कायल हो गए....
अब और ज़ेहन मे ख़तम हो गए.....हर सुबह होती है जब,नई साँसों के आगाज़ से....खिल जाता है
तन-मन और इबादत मे जुड़ते है हाथ खुद-ब-खुद विश्वास से.....बहुत है दर्द-बहुत परेशानिया भी है
लेकिन दाद देते है तुझे फिर भी ज़िन्दगी,देती है कुछ ऐसा खूबसूरत कि कहना पड़ता है..तेरी नियामतों
के हम तो कायल हो गए....