Saturday 14 October 2017

कह दिया ज़िन्दगी तुझ से,तेरी नियामतों के हम तो कायल हो गए....करते है शुक्रिया तुम को,कि लफ्ज़

अब और ज़ेहन मे ख़तम हो गए.....हर सुबह होती है जब,नई साँसों के आगाज़ से....खिल जाता है

तन-मन और इबादत मे जुड़ते है हाथ खुद-ब-खुद  विश्वास से.....बहुत है दर्द-बहुत परेशानिया भी है

लेकिन दाद देते है तुझे फिर भी ज़िन्दगी,देती है कुछ ऐसा खूबसूरत कि कहना पड़ता है..तेरी नियामतों

के हम तो कायल हो गए....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...