Sunday, 15 October 2017

हमारी शोख अदाओ पे उन का यह कहना कि उर्वशी बन कर मेरी जिंदगी मे आ जाओ अब----रातो की

नींद उड़ा चुकी,अब दिन का चैन उड़ाओ मत---तन्हा तन्हा रहते है,कुछ खुद से खफा खफा भी रहते है---

तेरे कदमो की चाप अक्सर दिल मेरा घायल कर जाती है----फूलो की खुशबू तेरे जिस्म की गंध याद दिला

जाती है---देखी अपनी सूरत जो आईने मे,खुद पे ही प्यार आ गया----यक़ीनन तेरी जिंदगी मे उर्वशी बन

आने का वक़्त भी आ गया-----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...