राज़ है गहरा इन आँखों मे..
ना बताए गे..
लबों पे हंसी है इतनी गहरी..
यह ना बताए गे..
जीते है बिंदास बिन वजह..
कुछ ना बताए गे..
मुश्किलें बहुत है,दुःख भी...
मुस्कुराए तब भी...
दुनियाँ को सिखा रहे है जीना...
अँधेरा होगा खत्म...
कमजोरों को दे रहे है हंसी...
यही तो ज़िंदगी का नाम है...
रोटी मिल रही है आधी,कोई बात नहीं...
कल पकवान भी तो खाए गे...
जंग हौसले से लड़..
ज़िद के आगे अँधेरा भी टूट जाए गा...
रोनी सूरत ना बना..
जीवन व्यर्थ हो जाए गा...
अपनी हंसी का राज़ क्यों बताए गे...
बस अपनी हंसी से,जीवन दूसरों को दे रहे है...
आज इतना ही बताए गे....