Friday 7 May 2021

 साँसों को रखना है गर ज़िंदा तो खुद के हौसले को ज़िंदा रख...किसी ने दुनियाँ को छोड़ा तो तू क्यों डर 


गया...यह कुदरत है दोस्तों,वो कोई भेदभाव किसी मे नहीं करती...जिस की बारी जब आई है,वो उस 


को बिना किसी पक्षपात के ले जाए गी...वो तेरा अपना था,पर अब वो एक सपना भर है...अकेले आए थे,


अकेले ही जाना है...फिर अकेले जीना क्यों ना सीख ले...जो जब तक साथ है,उन को दुआ के सैलाब मे 


नहला दे...जिस को जानता ही नहीं,दुआ का सैलाब उस के लिए भी बहा दे...यही तो तेरी परीक्षा है,जिस 


को आज के माहौल मे निभा देने का जज्बा बना ले...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...