यु तो तेरे शहर की हर गली से वाकिफ है हम.....तू जहा से भी गुजर जाए,उस के हर कदम से मुखातिब
है हम....परदे मे रहो या पर्दो की आड़ मे,तुझे पहचानने की भूल नहीं कर सके गे हम....सांसो पे काबू
रखने की कोशिश मे,तुम को याद आया कि दिल आज भी तुम्हारा है हमारे पास.....नैनों की भाषा कौन
पढ़ पाए गा कि इन नैनों की कमान है अब हमारे पास....
है हम....परदे मे रहो या पर्दो की आड़ मे,तुझे पहचानने की भूल नहीं कर सके गे हम....सांसो पे काबू
रखने की कोशिश मे,तुम को याद आया कि दिल आज भी तुम्हारा है हमारे पास.....नैनों की भाषा कौन
पढ़ पाए गा कि इन नैनों की कमान है अब हमारे पास....