मुझे समझने के लिए,तेरे पास वो नज़र ही नहीं---दिलो को जो जोड़ दे,ऐसी तेरी कोई मंशा भी नहीं---
टुकड़े दिलो के इकट्ठा कर ले,ऐसा कभी तूने सोचा भी तो नहीं----वफ़ा के नाम पे कभी मुहब्बत को
आबाद कर दे,यह करना तेरी फितरत ही नहीं----लोग मरते है तेरे शाही रूप के लिए,आहे भरते है
तुझे पाने के लिए....समंदर भी बहुत गहरा है,नदियों के सहारे के बिना उस का वज़ूद कहाँ....मेरी
धडकनों को जो समझे,तेरे पास वो दिल ही कहाँ ......
टुकड़े दिलो के इकट्ठा कर ले,ऐसा कभी तूने सोचा भी तो नहीं----वफ़ा के नाम पे कभी मुहब्बत को
आबाद कर दे,यह करना तेरी फितरत ही नहीं----लोग मरते है तेरे शाही रूप के लिए,आहे भरते है
तुझे पाने के लिए....समंदर भी बहुत गहरा है,नदियों के सहारे के बिना उस का वज़ूद कहाँ....मेरी
धडकनों को जो समझे,तेरे पास वो दिल ही कहाँ ......