कलम अपनी को जरा रोकिये ना,या फिर मुझ को इन्ही पन्नो पे कहानी की तरह लिख लीजिए ना ..
इतने लफ्ज़ो मे कभी मेरा नाम भी लिखा कीजिए,प्यार के अल्फाज़ो मे कुछ अल्फ़ाज़ हमारे नाम
भी कीजिए....सुन कर इन की बात हम बेतहाशा हँस दिए....याद कीजिए उस वक़्त को,हमारी कलम
की जादूगिरी पे कुर्बान सब से जय्दा आप थे...हम से जय्दा इन्ही पन्नो के कायल भी आप थे....उम्र
भर का जब साथ है,तो पन्नो पे नाम आप का क्यों लिखे ....दिल की किताब मे बसे है जब,तो कुछ
ख्याल अब हमारा भी तो कीजिए ......
इतने लफ्ज़ो मे कभी मेरा नाम भी लिखा कीजिए,प्यार के अल्फाज़ो मे कुछ अल्फ़ाज़ हमारे नाम
भी कीजिए....सुन कर इन की बात हम बेतहाशा हँस दिए....याद कीजिए उस वक़्त को,हमारी कलम
की जादूगिरी पे कुर्बान सब से जय्दा आप थे...हम से जय्दा इन्ही पन्नो के कायल भी आप थे....उम्र
भर का जब साथ है,तो पन्नो पे नाम आप का क्यों लिखे ....दिल की किताब मे बसे है जब,तो कुछ
ख्याल अब हमारा भी तो कीजिए ......