रात कितनी भी लमबी कयूू ना हो...सवेरा जरूर लाती है....कोई साथ हो ना हो,मॅजिल
फिर भी मिल जाती है...अॅधेरो से डर कर जो भागे,यह दुनियाॅ यह लोग यह अपने......
और भी डराते है...कया करना है खुद को,अपनी खामोशियो से खुद को ही बता देते है....
फिर भी मिल जाती है...अॅधेरो से डर कर जो भागे,यह दुनियाॅ यह लोग यह अपने......
और भी डराते है...कया करना है खुद को,अपनी खामोशियो से खुद को ही बता देते है....