तेरी खामोशी मे छिपा वो ऱाज,मेरे दिल मे उतर आया है..तेरी धडकनो सेे जो पैगाम
आया,वो मेरे वजूद मे चला आया है...तुम ने तो कुछ भी ना कहने की कसम खाई है....
पर मेरी रूह ने तुमहे अपने वजूद मे मिलाने की कसम खाई है..तुम समझो या ना
समझो,पर तुमहे पाने का खय़ाल इबादत मे सिमट आया है........
आया,वो मेरे वजूद मे चला आया है...तुम ने तो कुछ भी ना कहने की कसम खाई है....
पर मेरी रूह ने तुमहे अपने वजूद मे मिलाने की कसम खाई है..तुम समझो या ना
समझो,पर तुमहे पाने का खय़ाल इबादत मे सिमट आया है........