Tuesday 17 February 2015

तेरे सपनो की दुनियाॅ मे,कोई किरदार नही बन पाए है हम...पर तेरी मासूम हॅसी के

साझेदार तो है हम...जमीॅ पे पाॅव रख कर चले है हम,बस तेरी तरह बिना पॅख आसमाॅ

मे नही उडे है हम..दुआओ से उठेे है जिनदगी मे हम,तेरी तरह दौलत की चाह मे बिखरे

नही है हम....फिर भी हमनवाॅ मेरे तेरे पयार मे मिट गए है हम.......

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...