रफता रफता पाॅव बढा रहे है हम--गीली मिटटी पे निशान बना रहे है हम-----जिनदगी
के नाकाम रासतो से भी मनिजल ठूॅठ ले गे हम---कया हुआ जो साथ कोई मेरे नही--
कया हुआ जो किसी को मुझ से वासता नही----यहाॅ तो लोग पयार का मतलब भी नही
जाान पाते है---हम तो इनसाॅ है,लोग तो खुदा को ही भूल जाते है---इसलिए तो जिनदगी
को कामयाब बनाने जा रहे है हम--------
के नाकाम रासतो से भी मनिजल ठूॅठ ले गे हम---कया हुआ जो साथ कोई मेरे नही--
कया हुआ जो किसी को मुझ से वासता नही----यहाॅ तो लोग पयार का मतलब भी नही
जाान पाते है---हम तो इनसाॅ है,लोग तो खुदा को ही भूल जाते है---इसलिए तो जिनदगी
को कामयाब बनाने जा रहे है हम--------