Friday, 27 February 2015

तेरे छू लेने से मेरी नस नस मे--बिजली कौधी है----कयो----यह तेरा इशक है या मेरे

हुसन का जादू-----पलके झुकी है तुझे देखने के बाद----आॅखे बरसी है तुझ से मिलने

के बाद---ना सो पाए है ना जाग पाए है--मुहबबत का पाठ जो पडाया है तूने--उस से

तू बेखबर हैै----कयो-----------

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...