Monday 9 January 2017

मेरे हर आंसू पे...हर खामोश अदा पे...दिल को तड़पा देने वाली हर मासूम खता पे.....तुम साथ रहे

मेरे...ज़ुबा क्या कहती है,पर दिल चाहता है क्या...इस बात को समझने के लिए,तुम साथ रहे मेरे....

दुनिया के बेरंग रिश्तो मे-कुछ टूटे कुछ बिखरे उन सपनो मे..समंदर की उन लापरवाह लहरो की तरह

हम तुम साथ रहे ऐसे...मैं तुम मे बसी,तुम मुझ मे समाए...बरसो तक तुम साथ रहे मेरे.....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...