इतने खामोश भी ना रहो कि इस ख़ामोशी से अब डर लगता है--क्यों बिखर चुके हो इतना कि इस
बिखराव से ख़ौफ़ आता है---मेरे हुस्न पे नज़्म लिखने वाले,तेरे इश्क की गुस्ताखी पे रहम आता है
तेरे इर्द गिर्द फैली है बहारो की दिलकश बाहें,यह फ़िज़ाए बताती है तेरे मेरे प्यार की हज़ारो बातें
याद करो गे तो सब याद आ जाए गा,इतने भी बेवफा ना बनो कि तेरी हर वफ़ा से बहुत डर लगता है
बिखराव से ख़ौफ़ आता है---मेरे हुस्न पे नज़्म लिखने वाले,तेरे इश्क की गुस्ताखी पे रहम आता है
तेरे इर्द गिर्द फैली है बहारो की दिलकश बाहें,यह फ़िज़ाए बताती है तेरे मेरे प्यार की हज़ारो बातें
याद करो गे तो सब याद आ जाए गा,इतने भी बेवफा ना बनो कि तेरी हर वफ़ा से बहुत डर लगता है