Saturday 9 July 2016

मै ना भी कहू तो तुम समझ जाओ गे---दिल धडकता है कयू देख कर तुमहे...पाॅव भी

टिकते नही कयू देख कर तुमहे....बारिश की तेज फुहारे भिगोती है बदन को मेरे,पर कयू

जलता है यह बदन फिर भी आसमाॅ के तलेे..जुबाॅ बस खामोश है,पर लफजो की कहानी

कयू गुसताख है....हा मै ना भी कहू तो यकीकन तुम समझ जाओ गे---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...