मै ना भी कहू तो तुम समझ जाओ गे---दिल धडकता है कयू देख कर तुमहे...पाॅव भी
टिकते नही कयू देख कर तुमहे....बारिश की तेज फुहारे भिगोती है बदन को मेरे,पर कयू
जलता है यह बदन फिर भी आसमाॅ के तलेे..जुबाॅ बस खामोश है,पर लफजो की कहानी
कयू गुसताख है....हा मै ना भी कहू तो यकीकन तुम समझ जाओ गे---
टिकते नही कयू देख कर तुमहे....बारिश की तेज फुहारे भिगोती है बदन को मेरे,पर कयू
जलता है यह बदन फिर भी आसमाॅ के तलेे..जुबाॅ बस खामोश है,पर लफजो की कहानी
कयू गुसताख है....हा मै ना भी कहू तो यकीकन तुम समझ जाओ गे---