कहर है इस मौसम का..या तेरी तूफानी अदाओ की सजा--दिल के अरमान बने है फिर
हवाओ मे बिखरने की वजह--यह गेसू है या घने बादलो का अॅधेेरा,यह चेहरा है तेरा या
मखमली धूप का साया--निखरा निखरा सा तेरा बदन,हो जैसे बरसती ओस की बूॅदो की
खता--तुझे छू लेे या इबादत के पननो मे छुपा दे..बता दे तेरी कया हैै ऱजा---
हवाओ मे बिखरने की वजह--यह गेसू है या घने बादलो का अॅधेेरा,यह चेहरा है तेरा या
मखमली धूप का साया--निखरा निखरा सा तेरा बदन,हो जैसे बरसती ओस की बूॅदो की
खता--तुझे छू लेे या इबादत के पननो मे छुपा दे..बता दे तेरी कया हैै ऱजा---