हवाओ मेे घुल रहा है तेरे पयार का नशा...तभी तो महकी महकी है यह फिजा...छू कर
मेरे बदन को जब जाती है,और लौट कर जब आती है-तेरे बदन की वो खुशबू ले आती है
हजारो चिॅगारिया कौॅॅध जाती है..तडप कहती है अब इॅतजाऱ खतम करो.रातो को जगाने
का यह सिलसिला अब बस भी करो...आ जाओ शाही नवाब बन कर,कि घुलता जा रहा
है तेरे पयार का गहरा नशा....
मेरे बदन को जब जाती है,और लौट कर जब आती है-तेरे बदन की वो खुशबू ले आती है
हजारो चिॅगारिया कौॅॅध जाती है..तडप कहती है अब इॅतजाऱ खतम करो.रातो को जगाने
का यह सिलसिला अब बस भी करो...आ जाओ शाही नवाब बन कर,कि घुलता जा रहा
है तेरे पयार का गहरा नशा....