Tuesday, 12 July 2016

वो दूर तक तेरे साथ चलने का वादा..उसी धूप मे फिर से नॅगे पाॅॅव भटकने का वोही

वादा..तपते रेगिसतान मेे हाथो मे हाथ थामे,खिलखिलाने का मासूम सा वादा..तुम ने

जो कहा..आ भीग ले बारिश की तेज फुहारो मे,हम हॅस दिए आॅचल को भिगो के, तेरी

तसलली का वो भीगा सा वादा..हाथो मे लिए तेरे चेहरे को,ताउमर तुझी पे मरने का यह

इबादती वादा...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...