रूहे-साथी हो मेेरे,खयाले हमराज नही--दिल की धडकन मे बसे,सरताज हो वैसे ही मेरे--
तनहाॅ जो हुए गमे-तनहाई मे,खाई चोट जब जब जमाने की आजमायश मेे--रोए है तेरे
उसी काॅधे पे,जखमो को दिया आराम तेरी उनही आॅखो ने--कौन कहता है कि तू दूर है
मुझ से,पुकारा जब जब शिददत से तुझे..दिया है साथ मेरा रूहे-साथी मेरा बन के---
तनहाॅ जो हुए गमे-तनहाई मे,खाई चोट जब जब जमाने की आजमायश मेे--रोए है तेरे
उसी काॅधे पे,जखमो को दिया आराम तेरी उनही आॅखो ने--कौन कहता है कि तू दूर है
मुझ से,पुकारा जब जब शिददत से तुझे..दिया है साथ मेरा रूहे-साथी मेरा बन के---