Sunday 3 September 2017

तेरा मान रखने के लिए,तुझे सदा पास अपने रखने के लिए----तेरी गुफ्तगू को हमराज़ बनाया है मैंने

धड़कने कभी जो रुकने को हुई,तेरी बाहों के घेरे को अपना सरताज बनाया है मैंने----खवाब जो रह गए

अधूरे,मन्नते जो पूरी हुई नहीं,उन को बसाने के लिए तेरी ही मुहब्बत को परवान बनाया है हम ने----

टुकड़े कभी इस दिल के ना हो जाए,तेरे दिल को इस की हिफाज़त के लिए पास रख लिया हम ने----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...