पायल बजी भी नहीं,पर झंकार सुनाई दे गई---कंगना पहने भी नहीं,पर आवाज़ क्यों सुनाई देने लगी---
आंखे तो अभी झपकी भी नहीं क्यों सपनो की आहट आने लगी---अज़नबी राहो पे थे क्यों लगा कि
हमनवां कही साथ है---बरखा कही बरसी नहीं बस भीगे है किसी अहसास से,ऐसा गुमा बस होने लगा---
खिल उठे बिन बात के,मुस्कुरा दिए बिना ज़ज़्बात के----यारा क्या यही प्यार है कि कोई बोला भी नहीं
और आवाज़ सुनाई दे गई---
आंखे तो अभी झपकी भी नहीं क्यों सपनो की आहट आने लगी---अज़नबी राहो पे थे क्यों लगा कि
हमनवां कही साथ है---बरखा कही बरसी नहीं बस भीगे है किसी अहसास से,ऐसा गुमा बस होने लगा---
खिल उठे बिन बात के,मुस्कुरा दिए बिना ज़ज़्बात के----यारा क्या यही प्यार है कि कोई बोला भी नहीं
और आवाज़ सुनाई दे गई---