बहुत ही.. बहुत ही ख़ामोशी से इस दिल मे उतर गए है आप---संभाले तो संभाले खुद को कैसे कि रूह मे
ही सीधे समा गए है आप----बिखरी बिखरी जुल्फे,बहकी सी अदा...क्या कहिए जनाब आँखों मे शराब
बन आ चुके है आप----मदहोशियाँ कही जान ना ले जाए,जान आप को बना कर पास अपने रख चुके है
आज ----नज़र तो नज़र ही है,लग जाए ना किसी की कभी..शीशे की तरह दिल मे कब से उतार चुके है
आज -----
ही सीधे समा गए है आप----बिखरी बिखरी जुल्फे,बहकी सी अदा...क्या कहिए जनाब आँखों मे शराब
बन आ चुके है आप----मदहोशियाँ कही जान ना ले जाए,जान आप को बना कर पास अपने रख चुके है
आज ----नज़र तो नज़र ही है,लग जाए ना किसी की कभी..शीशे की तरह दिल मे कब से उतार चुके है
आज -----