छन छन छन छन ----- यह पायल तेरी क्यों सोने नहीं देती ---- बजते है कंगन और चूड़ियाँ... दिल को
चैन लेने क्यों नहीं देती ----- यह बिखरे बिखरे काले गेसू... सुबह को आने क्यों नहीं देते ---- यह तेरी
हॅसी जान ले जाए गी मेरी...फिर ना कहना कि तू तो जान थी मेरी ----कुछ रुके से कदम कुछ बहके से
अंदाज़ ....रफ़्तार तेरे चलने की क्यों मुझे सम्भलने ही नहीं देती -----
चैन लेने क्यों नहीं देती ----- यह बिखरे बिखरे काले गेसू... सुबह को आने क्यों नहीं देते ---- यह तेरी
हॅसी जान ले जाए गी मेरी...फिर ना कहना कि तू तो जान थी मेरी ----कुछ रुके से कदम कुछ बहके से
अंदाज़ ....रफ़्तार तेरे चलने की क्यों मुझे सम्भलने ही नहीं देती -----