Friday 9 September 2016

हर मुमकिन कोशिश की तुझे पा लेने की..पर तकदीर ने साथ छोड दिया--तूू अब जिस

भी राह सेे गुजरे..तेरी राहो मे आना छोड दिया--तेरी बेेरूखी से अब समझे..तेरे हमराज

बने,यह गवारा नही तुझ को--बेवजह अब तुझ को नजऱ आए..तेरे पीछेे भटकना छोड

दिया---मुुहबबत पाक है मेेरी..तभी तो तुुझे अब देखना ही छोड दिया---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...