शाम जब जब ढलती है..तुम याद आ जाते हो...रात का अँधेरा गहराता है जब,आंसुओ से दामन को
भिगो जाता है..दूर बहुत ही दूर हो चुके है,हर रिश्ते से...दुनिया की रंगीनियो से नफरत करते है अब..
लोग कहते है कि तुम कभी लौट कर नहीं आओ गे..वो क्या जाने कि जान बन कर तुम आज भी मेरी
रूह मे बसते हो..छोड़ कर हर रिश्ते को,तेरी यादो का ताजमहल बना कर तुझ से हर बात करते है हम...
भिगो जाता है..दूर बहुत ही दूर हो चुके है,हर रिश्ते से...दुनिया की रंगीनियो से नफरत करते है अब..
लोग कहते है कि तुम कभी लौट कर नहीं आओ गे..वो क्या जाने कि जान बन कर तुम आज भी मेरी
रूह मे बसते हो..छोड़ कर हर रिश्ते को,तेरी यादो का ताजमहल बना कर तुझ से हर बात करते है हम...