Saturday 10 September 2016

हर तॅहाई तेरी याद से जुडी हो..हर उदासी तेरे नाम पे बसी हो..कभी जो छलका दे आॅसू

इन आॅॅखो से...दिल बार बार रोए हर आहट हर आवाज पर...तो किस को कहे..किस को

सुनाए ऱाज मुहबबत  केेे सारे...आ जाओ लौट कर ऐसे,परिॅदो की रवानगी हो जैैसेे...हा

खिल जाए गे तेरे आने से ऐसे,दुआओ मे असर आ गया हो जैसे....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...