Tuesday 7 July 2015

कफन मे लिपटे है मगऱ सकून से है--कुछ मीठी यादे साथ मे है,कुछ पयारे सपने पास

मे है---जिनदगी को तो तनहाॅ जिया हम ने,पर कफन का जामा पहने--मुहबबत का

एहसास लिए---तेरे नाम को सीने मे दबाए बेहद सकून से है-----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...