Monday 13 July 2015

कह तो दिया,आप के लायक ही नही है हम--समनदऱ की लहरो मे फॅसे है,बाहर निकल

ही नही पाए गे हम--हसती तो मेरी इतनी भी नही,कि आप को जनून बना ले अपना---

भॅवर की चपेट मे फॅसे,इक तनहाॅ सा सहारा बना ले अपना---इक बुझती हुई शमाॅ है

ऐसी,कि चाह कर भी आप का सॅसार ना रौशन कर पाए गे हम----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...