किस को छोड आए है पीछे,यह खयाल खलता है आज भी हम को---कही कोई याद कर
रहा होगा,तनहाई मे सोचते है आज भी इस को---इसी खयाल ने कलम थमा दी हाथ मे
मेरे,लिखते जा रहे है आज भी जनून की हद तक----धुॅधली सी यादे जेहन मे आज भी
है मेरे,शायद मेहरबानिया उस की बहुत होगी हम पर---जो आज भी खलल डाल रही है
जिनदगी मे हमारी इस हद तक-----
रहा होगा,तनहाई मे सोचते है आज भी इस को---इसी खयाल ने कलम थमा दी हाथ मे
मेरे,लिखते जा रहे है आज भी जनून की हद तक----धुॅधली सी यादे जेहन मे आज भी
है मेरे,शायद मेहरबानिया उस की बहुत होगी हम पर---जो आज भी खलल डाल रही है
जिनदगी मे हमारी इस हद तक-----