Thursday 2 July 2015

कभी पाया कभी खोया-जिनदगी के थपेडो मे यह दिल ना जाने कितनी बार रोया----

बिलख गई आतमा मेरी-दुनिया ने इतना रूलाया--पर साई मेरे तुम सहारा बन कर हर

कदम पर आ गए-मेरे वजूद को टूटने से बचाते रहे--इबादत करू साई तेरी या साॅसे भी

दे दू अपनी---कि अपना रोम रोम तुम को दे दिया मैने---जय साई राम---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...