तेरा शहर गर हसरतो का शहर होता-तो हम चले आते----अपनी जिनदगी का सकून
तलाशने ही चले आते----रफता रफता जो साॅसो को चलाया है हम ने---तेरे शहर के
मौसम से साॅसो की ऱफतार बढा लेते-----य़की होता गर कि तेरे सीने मे भी इक दिल है--
तो अललाह-कसम अपना वजूद मिटाने ही तेरे पास चले आते-----पर आलम है यह कि
तेरे पतथर दिल की तरह,वीरान है तेरा शहर--वरना् हम तो बेमौत मरने चले आते------
तलाशने ही चले आते----रफता रफता जो साॅसो को चलाया है हम ने---तेरे शहर के
मौसम से साॅसो की ऱफतार बढा लेते-----य़की होता गर कि तेरे सीने मे भी इक दिल है--
तो अललाह-कसम अपना वजूद मिटाने ही तेरे पास चले आते-----पर आलम है यह कि
तेरे पतथर दिल की तरह,वीरान है तेरा शहर--वरना् हम तो बेमौत मरने चले आते------