Monday 16 March 2015

कभी तोडा-कभी मोडा-कभी खवाबो को यू रौदा----सिसकते रह गए तनहाॅ मगर- तुम ने

आजमाना नही छोडा--वही आॅसू,वही आहे मगर-तुमहे पयार करना नही छोडा---तुम

करो कितने सितम मगर-तेरी आशिकी करना नही छोडा---तुम लौटो या ना लौटो मगर-

तेरा इनतजार करना नही छोडा--------

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...