Sunday 1 March 2015

आप की खामोशी मे छिपा वो ऱाज-जानते है हम----बरसो बाद मिले हो फिर भी-आप

का अनदाज पहचानते है हम---वो आप का यू मुसकुराना-फिर एक अदा से घूम जाना--

जानते है हम--दुनियाॅ की नजऱो मे-आप तनहाॅ है बेशक--पर आप की खुशी का मतलब

----सिरफ------जानते है हम----------

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...