मै वो कहानी हूू-जिसे तुम कभी लिख नही पाओ गे--मै वो नगमा हू-जिसे तुम कभी
गुनगुना ना पाओ गे--खामोशी से भरा वो दरद हू-जिस को चाह कर भी कभी महसूस
नही कर पाओ गे--मेरे कदमो की वो आहट-सुन कर भी सुन नही पाओ गे---मगर मेरी
बेइनतहाॅ मुहबबत की चाहत सदियो तक करते जाओ गे----------
गुनगुना ना पाओ गे--खामोशी से भरा वो दरद हू-जिस को चाह कर भी कभी महसूस
नही कर पाओ गे--मेरे कदमो की वो आहट-सुन कर भी सुन नही पाओ गे---मगर मेरी
बेइनतहाॅ मुहबबत की चाहत सदियो तक करते जाओ गे----------