Sunday 22 March 2015

हम ने तो अपनी हॅसी से उडा दी हर बात तेरी--बेखबर रहे कि हमारी हॅसी ने ही चुुरा ली

रातो की नीॅद तेरी---तेरे मासूम चेहरे पे जो नजऱ पडी मेरी-खोया दिल का चैन-बदल दी

दुनिया ही मेरी---इतनी शिददत से जो चाहो गे मुझ को--तो छोड दे गे यह जहाॅ-बस आ

कर सजा दे गे दुनियाॅ तेरी------------

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...