Monday 23 April 2018

सितारों के झुरमुट मे एक सितारा ऐसा देखा...चमक उस की मे कुछ खास नज़ारा देखा....देखते

देखते रात गुजर गई कैसे,किस अंदाज़ से उस का रूप निहारा हम ने....यह जानते हुए भी कि बात

हमारी वो ना समझ पाए गा,पर पैगाम हमारा मेहबूब तक पंहुचा दे गा इस यकीं से गुफ्तगू का सहारा

लिया हम ने....गुजारिश करे या मिन्नतें उस की,कि उस सितारे को हम ने खूबसूरत सा नाम दे कर

खास सलामे-अर्ज किया हम ने.....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...